डॉ. रमेश सिंह पाल की पुस्तकों में निहित है आनन्दपूर्ण आध्यात्मिक जीवन जीने का सार, जगा रहे हैं ज्ञान की अलख

सी.एन.ई. रिपोर्टर, अल्मोड़ा यदि हमें जीवन में प्रसन्न रहना है तो निश्चित रूप से आध्यात्म की शरण लेनी होगी। साथ ही दु:खों के कारक तत्वों…


सी.एन.ई. रिपोर्टर, अल्मोड़ा

यदि हमें जीवन में प्रसन्न रहना है तो निश्चित रूप से आध्यात्म की शरण लेनी होगी। साथ ही दु:खों के कारक तत्वों को भी समझना होगा। वस्तुत: हमारे आदि धर्मग्रन्थों में हर समस्या का समाधान भी विद्यमान है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर अल्मोड़ा के वैज्ञानिक डॉ. रमेश सिंह पाल ने हाल में ही अपनी अंग्रेजी में लिखी पुस्तक “Spiritual Wisdom: Guaranteed Prescription of Success & Happiness” का प्रकाशन किया है। ज्ञात रहे कि यह डॉ. पाल की दूसरी कृति है। इससे पूर्व उनकी हिंदी पुस्तक ‘अपना स्वरूप’ को पाठकों ने बहुत सराहा था तथा यह अमेजन की टॉप 100 किताबों में शामिल रही थी।
उल्लेखनीय है कि डॉ. रमेश सिंह पाल ने पन्तनगर, विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की उपाधी प्राप्त की, उसके पश्चात सन् 2010 से वे अल्मोड़ा के विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में बतौर वैज्ञानिक कार्यरत हैं। अनुसंधानकर्ता के साथ-साथ डॉ. पाल एक आध्यात्मिक विचारक और लेखक भी हैं। वर्ष 2018 में डॉ. पाल ने अपनी पहली हिन्दी किताब ‘अपना स्परूप’ प्रकाशित की, यह किताब पाठकों द्वारा काफी सराही गयी। अमेजन पर यह किताब काफी समय तक टाॅप 100 आध्यात्मिक किताबों की सूची में रही। हाल ही में डॉ. रमेश सिंह पाल ने अपनी दूसरी किताब “Spiritual Wisdom: Guaranteed Prescription of Success & Happiness” का प्रकाशन नोसन प्रेस, चेन्नई से कराया है। यह पुस्तक अँग्रेजी में है तथा यह हमारी युवा पीड़ी को ध्यान में रखकर लिखी गयी है। इस पुस्तक में डॉ. पाल ने आध्यात्मिक ग्रन्थों तथा पुराणों की कहानियों के माध्यम से बताने का प्रयास किया है कि कैसे किसी व्यक्ति के द्वारा सभी संसारिक क्रिया-कलाप करते हुए भी एक आनन्दपूर्ण आध्यात्मिक जीवन जीया जा सकता है। डॉ. रमेश सिंह पाल, लेखन कार्य के अलावा बहुत से सोशल मीडिया जैसे यू ट्यूब, ब्लाॅगिंग आदि के माध्यम से भी युवाओं को उनके कैरियर तथा आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।

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