एक आदर्श शिक्षक की मिशालः अल्मोड़ा के प्रवक्ता डा. कपिल नयाल

➡️ वैज्ञानिक सोच के साथ बच्चों के चहुंमुखी विकास व समाज हित का जुनून➡️ शिक्षक दिवस पर विशेषः 23 वर्षों का प्रेरणादायी योगदान (पढ़िये आलेख)…

➡️ वैज्ञानिक सोच के साथ बच्चों के चहुंमुखी विकास व समाज हित का जुनून
➡️ शिक्षक दिवस पर विशेषः 23 वर्षों का प्रेरणादायी योगदान (पढ़िये आलेख)

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
बहुमुखी प्रतिभा के धनी डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान अविस्मरणीय है। जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस महान शिक्षा शास्त्री ने आदर्श शिक्षक का सबसे बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया। हर वर्ष 5 सितंबर को उनकी जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है और ऐसे मौके पर एक आदर्श शिक्षक की भूमिका में कार्य रहे गुरुजनों का उल्लेख करना बेहद जरूरी है। आज भी तमाम शिक्षक हैं, जो बच्चों के चहुंमुखी विकास और समाज हित को सर्वोपरि रखकर अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन करने में जुटे हैं और अपने लगन व जुनून से मिशाल पेश कर रहे हैं। ऐसे शिक्षकों में डा. कपिल नयाल का नाम भी शुमार है। जो विगत 23 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। बच्चों को आदर्श नागरिक रूप के तैयार करने के लक्ष्य पर जुटे डा. कपिल नयाल की रचनात्मक व सामाजिक कार्यों में भी खासी रुचि है।

लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उच्च रैंक प्राप्त कर प्रवक्ता पद पर पहुंचने वाले डा. नयाल वर्तमान में जिला मुख्यालय अल्मोड़ा के निकटवर्ती राजकीय इंटर कालेज हवालबाग में रसायन विज्ञान प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं, साथ ही विद्यालय में स्थापित अटल टिंकरिंग लैब एटीएल के प्रभारी हैं। जहां एक ओर वह शिक्षण कार्य के जरिये बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रचनात्मक व सामाजिक कार्यों में भी पीछे नहीं रहते। विषय में बच्चों को पारंगत बनाने की ललक के साथ उनका शिक्षण चलता है। इसके अलावा बच्चों में वैज्ञानिक सोच जागृत करना और इस दिशा में आगे बढ़ाना उनकी खास प्राथमिकता में रहता है। इसके लिए कई शिक्षण तकनीकें अपनाते रहते हैं। जिला मुख्यालय के निकटवर्ती भगतोला क्षेत्र के तिलोरा गांव निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य कृपाल सिंह नयाल के सुपुत्र डा. कपिल नयाल बचपन से ही मेधावी रहे हैं। वह हाईस्कूल से लेकर एमएससी तक हर कक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण रहे है और उसी अनुरूप आज भी रचनात्मकता व जागृति लाने वाले कई कार्यों में भी शिरकत रहती है। अल्मोड़ा में ही कोसी पुनर्जनन अभियान के तहत हवालबाग व ताकुला ब्लाकों के विभिन्न विद्यालयों के बीच उनके द्वारा विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं कराई जा चुकी हैं और जागरूकता रैली आयोजित की। विज्ञान शिक्षक के रूप में डॉ. कपिल नयाल का अद्वितीय योगदान रहा है। महज विद्यालय ही नहीं बल्कि ब्लॉक, जनपद व राज्य स्तर की समस्त प्रतियोगिताओं तथा विज्ञान संगोष्ठियों व इंस्पायर अवार्ड के लिए मार्गदर्शन व प्रोत्साहित कर बच्चों को प्रतिभाग कराते रहते हैं। इन कार्यों के लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है। दरअसल, डा. नयाल के जीवन का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास एवं विज्ञान के प्रति रुचि व वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न कर प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करना है।

एनसीईआरटी द्वारा निष्ठा प्रशिक्षण कार्यक्रम में ब्लॉक समन्वयक के रूप में भी डा. कपिल नयाल ने अहम् भूमिका निभाई है। उन्होंने हवालबाग विकासखंड के लगभग 300 शिक्षक-शिक्षिकाओं का प्रशिक्षण संपन्न कराया है। इसके अलावा उन्हें एससीईआरटी द्वारा करिकुलम डिवीजन वर्कशॉप में करिकुलम डिवीजन का भी मौका मिला है और उन्होंने उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी नैनीताल में डायरेक्ट ट्रेनर स्किल (डीटीएस), आपदा प्रबंधन कार्यशाला, पर्सेनेलिटी डेवलपमेंट कोर्स व कई अन्य कोर्सेज भी किए हैं। उन्होंने एनसीईआरटी द्वारा संपादित कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। इन सबसे उन्होंने अनुभवों का पुलिंदा हासिल किया है, जिसका लाभ बच्चों व समाज को मिल रहा है। उनके कार्य बेहद प्रेरणादायी हैं। डा. नयाल की बढ़ती लोकप्रियता की वजह निम्न प्रकार समझी जा सकती हैः-
एटीएल भी बड़ी उपलब्धि

मालूम हो कि राजकीय इंटर कॉलेज हवालबाग में अटल टिंकरिंग लैब भी स्थापित है, जिसकी स्थापना में डा. नयाल के प्रयास अद्वितीय रहे हैं तथा उन्हें ही इस एटीएल के प्रभारी की जिम्मेदारी मिली, जिसे उनके द्वारा बखूबी निर्वहन किया जा रहा है। इस लैब के लिए भारत सरकार नीति आयोग ने 20 लाख रुपए स्वीकृत किए, जिसकी दो किश्तों के रूप में 14 लाख रुपये प्राप्त भी हो गए हैं। इस लैब के जरिये आज रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 3डी प्रिंटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि आधुनिक विधाओं व तकनीकों की समुचित जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंच रही है। अटल टिंकरिंग लैब से महज इसी विद्यालय के विद्यार्थी नहीं बल्कि समय-समय पर जिले के कई अन्य विद्यालयों के व समुदाय के बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। खास बात ये है कि खासियत को देखते हुए इस लैब को समग्र शिक्षा अभियान के शैक्षणिक भ्रमण के लिए भी चुना गया है। अब तक जनपद के लगभग 30 विद्यालयों के विद्यार्थियों के दल ने इस लैब का भ्रमण कर नई तकनीकों से रूबरू हो चुके हैं। अब इस अटल टिंकरिंग लैब को भारत सरकार नीति आयोग द्वारा स्टार एटीएल ऑफ इंडिया के रूप में चयनित किया जा चुका है तथा तीन बार एटीएल ऑफ द मंथ पुरस्कार के लिए चुना गया है। डॉ. कपिल नयाल के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने रोबोट, मूविंग ट्रैक्टर, होम ऑटोमेशन, 3डी प्रिंटर से कई त्रिविमीय वस्तुएं, स्मार्ट होम आदि कई मॉडल तैयार किए हैं। लैब के 2 विद्यार्थी राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रतिभाग कर चुके हैं। इस अटल टिंकरिंग लैब में भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन आदि से आए वैज्ञानिक व इंजीनियर समय-समय पर व्याख्यान देकर बच्चों की वैज्ञानिक अभिरुचि बढ़ा चुके हैं। (आगे पढ़िये….)

कई बार मिला सम्मान

डा. कपिल नयाल के उल्लेखनीय कार्यों व योगदान को देखते हुए उन्हें टीचर ऑफ द ईयर, एनर्जी वॉरियर सम्मान मिल चुका है। इसके अलावा कई बारगी जिलाधिकारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्म्मानित किया जा चुका है। उनकी पहल से ही पूर्व में जिलाधिकारी के स्तर से उनके विद्यालय के रंग रोगन के लिए 05.55 लाख रुपये मंजूर हुए। (आगे पढ़िये….)

निर्धन-गरीब बच्चों के मददगार

निर्धन व गरीब बच्चों की मदद कर उन्हें आगे बढ़ाना उनकी आदत में शुमार है। उनके प्रयासों से निर्धन व मेधावी विद्यार्थियों को विभिन्न सक्षम लोगों के माध्यम से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है और इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि गत वर्ष उनके विद्यालय के गरीब एवं निर्धन छात्र-छात्राओं को एक लाख रुपये की छात्रवृत्ति जीआईसी अल्मोड़ा पूर्व छात्र समूह द्वारा बांटी गई। इसके अलावा डा. नयाल के प्रयासों से वरिष्ठ डिजाइन इंजीनियर संजय उप्रेती हर वर्ष उनके विद्यालय के 04 विद्यार्थियों को 10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं।(आगे पढ़िये….)
कई शिष्यों ने पाया मुकाम

डॉ. कपिल नयाल के पढ़ाये कई विद्यार्थी इंजीनियर, चिकित्सक, वैज्ञानिक जैसे कई उच्च पदों पर आसीन हो चुके हैं और कई विद्यार्थी भारत सरकार के स्कॉलरशिप फॉर हायर एजुकेशन एवार्ड के लिए भी चयनित हुए हैं। डॉ. कपिल नयाल के कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जनरल में लेख भी प्रकाशित हो चुके हैं। इतना ही नहीं रसायन विज्ञान विषय के विभिन्न टॉपिक्स पर ज्ञानवर्धक वीडियोज यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है। जिसकी संख्या करीब 50 के आसपास है और ये सामग्री उनके यू-ट्यूब चैनल ‘केमिस्ट्री विद डॉ. कपिल नयाल्स’ में उपलब्ध हैं। डॉ. कपिल नयाल ने अपने विद्यालय में भारतीय मानक ब्यूरो के सौजन्य से मानक क्लब की स्थापना भी की है, जिसके वे मेंटर हैं। इस क्लब के माध्यम से उपभोक्ताओं में उत्पादों की गुणवत्ता की पहचान के लिए जागरूक किया जाता है।
निर्वाचन में मास्टर ट्रेनर

इतना ही नहीं उनकी योग्यता को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सभी निर्वाचनों में उन्हें मास्टर ट्रेनर जैसी अहम् जिम्मेदारी दी जाती है। जिसका उन्होंने कई बारगी बखूबी निर्वहन किया है।

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