लॉक डाउन : समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, पत्थर कुरेद कर बना दिए उपयोगी पात्र, विलुप्त हो रही पाषाण कला को भी दिया नया जीवन

ऋषिकेश। महामारी कोराना की वजह से पूरे देश में लॉक डाउन है और घर में बैठे लोग बोर हो रहे हैं। नतीजतन वे या तो…


ऋषिकेश। महामारी कोराना की वजह से पूरे देश में लॉक डाउन है और घर में बैठे लोग बोर हो रहे हैं। नतीजतन वे या तो लॉक डाउन का उल्लंघन कर रहे हैं या फिर अवसाद का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में ऋषिकेश से कुछ दूर गंगा पार पौड़ी जिले के कुनौ गांव के रहने वाले चंद्रमोहन सिंह नेगी ने खाली समय के सदुपयोग की मिसाल कायम की है।

पत्थरों के साथ चंद्रमोहन नेगी

उन्होंने बचपन में देखी गई विलुप्त हो गई एक कला को लॉक डाउन में जीवित कर दिया है। इससे समाज का तो भला होगा ही निरीह पक्षियों को भी लाभ मिलेगा।

चंद्रमोहन सिंह बताते हैं कि जब वे छोटे थे तो गांव के ही वीरेंद्र पयाल के घर जाया करते थे। वीरेंद्र उम्र दराज थे और उस समय पत्थरों को कुरेद कर उनसे ओखल व अन्य पात्र तैयार किया करते थे। तब चंद्रमोहन छोटे थे और इस कला के बारे में कुछ भी सिखना भी नहीं चाहते थे। अब जब वीरेंद्र का निधन हुए कई साल बीत चुके हैं।

लॉक डाउन के दौरान खाली बैठे चंद्रमोहन को वीरेंद्र पयाल की कला की याद आ गई और उन्होंने बचपन की धुंधली धुंधली यादों को ताजा करते हुए पहले एक बड़े से पत्थर को कुरेद कर ओखली तैयार की।

जब काम सही हो गया तो उन्होंने जंगल में जाकर एक पत्थर को कुरेद कर उसका बीच का भाग गहरा कर दिया। इस पत्थर में पानी भर दिया गया और जंगल में पक्षी इस पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। चंद्रमोहन कहते हैं कि खाली समय का सदुपयोग इस प्रकार से भी किया जा सकता है।

चंद्रमोहन ने इस बहाने वीरेंद्र पयाल की विलुप्त हो रही पाषाण कला को भी नया जीवन दे दिया है।

लेटेस्ट ख़बर के लिए जुड़िये हमारें व्हाट्सएप्प ग्रुप से,
https://chat.whatsapp.com/
DgdwsJJqlSTGKfpD5GJ6vb

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *