एसएसपी भट्ट की प्रेरणा, बहन ममता का साथ और रंग लाई मेहनत ! पुलिस विभाग में कार्यरत हेमा ने ऑफ सीज़न में उगाये मशरूम, पढ़िये अथक श्रम व सृजनशीलता की पूरी कहानी….

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा आप किन्हीं भी परिस्थितियों या पेशे में हों, यदि कुछ नया कर गुजरने की तमन्ना है तो अथक प्रयास से वह लक्ष्य…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

आप किन्हीं भी परिस्थितियों या पेशे में हों, यदि कुछ नया कर गुजरने की तमन्ना है तो अथक प्रयास से वह लक्ष्य हासिल हो सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है यहां पुलिस विभाग में कार्यरत आरक्षी हेमा ऐठानी कोरंगा ने। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट की सकारात्मक पहल से प्रेरित होकर एक खाली पड़े भवन में ऑफ सीज़न में भी मशरूम उत्पादित किया है।
हेमा का यह प्रयास निश्चित रूप से निकट भविष्य में पुलिस विभाग की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।

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खास बात यह है कि हेमा ऐठानी पुलिस कार्यालय में पीआरओ व मीडिया का कार्य देख रही हैं। अत्यधिक कार्यव्यस्थता के बावजूद उन्होंने किसानी के लिए समय निकाल सृज​नशीलता को एक नया आयाम देते हुए एक खाली पड़े भवन में मशरूम का उत्पादन किया है। बताना लाजमी होगा कि इस कार्य में हेमा की मुख्य सहायक उनकी बहन ममता मेहता बनीं, जो वर्तमान में कपकोट रहकर विगत दो सालों से मशरूम उत्पादन कर रही हैं।

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कुछ इस तरह मिली प्रेरणा….
उल्लेखनीय है कि एसएसपी पंकज भट्ट ने गत दिनों निरीक्षण के दौरान सभी पुलिस विभाग में कार्यरत सभी कार्मिकों को थाना कार्यालयों व आवंटित किये गये आवासीय परिसरों को अपना घर जैसा समझते हुए विशेष साफ—सफाई के आदेश दिये थे। जिसकेअनुपालन में पुलिस कार्यालय में तैनात एलआईयू की आरक्षी हेमा ऐठानी कोरंगा, जो वर्तमान में पीआरओ/मीडिया का कार्य देख रहीं हैं के मन में एक नया ख्याल आया। दरअसल, वह कोतवाली अल्मोड़ा परिसर के सरकारी आवास में निवासरत हैं और उनके आवास के सामने एक निष्प्रयोज्य भवन है।

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जिसके नवीनीकरण का कार्य होना है। हेमा ऐठानी ने उस भवन की साफ-सफाई का जिम्मा उठाया। इस दौरान एक ख्याल उनके मन में आया कि भवन के नवीनीकरण तक इस भवन का सदुपयोग कैसे किया जाय ? जिससे इसकी साफ-सफाई भी बनी रहे और पुलिस परिवार की महिलायें भी लाभ प्राप्त कर सकें। फिर उन्होंने तय किया कि इस भवन का सदुपयोग वह मशरूप उत्पादन कर करेंगी।

ऐसे शुरू हुआ मशरूम खेती का कार्य
सर्वप्रथम इस भवन के आस-पास सफाई, भवन एवं इस पर जाने वाले सीढ़ियों की साफ-सफाई की शुरूवात की गयी। शुरूवात में लगा कि एक तो ऑफ सीजन ऊपर से भवन की छत भी टिन की है। यह प्रयास सफल होगा कि नहीं असमंजस था। परन्तुु जहां चाह, वहीं राह। अथक मेहनत का फल 35 दिन में मिलने लगा। आखिर ऑफ सीजन में भी मशरूम का उत्पादन होने लगा।

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बहन ममता का मिला साथ और मेहनत लाई रंग
हेमा ऐठानी ने बताया कि उन्होंने अपनी बहन ममता मेहता निवासी कपकोट, बागेश्वर जो कि विगत 02 वर्षों से मशरूम उत्पादन का कार्य कर रहीं हैं, उनकी मदद से ज्यूलीकोट से मशरूम का कम्पोस्ट/बीज एवं अन्य आवश्यक सामग्री मंगवाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। अथक श्रम के बाद यह प्रयास पूर्ण रूप से सफल रहा। हेमा ने अब निर्णय लिया है कि भविष्य में पुलिस परिवार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।

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हर मंच से मिल रही सराहना
इस सराहनीय प्रयास हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा एवं उत्तराखण्ड पुलिस वाइव्स वेलफेयर की जिलाध्यक्ष श्रीमती हेमा बिष्ट, पुलिस उपाधीक्षक अल्मोड़ा मातवर सिंह रावत सहित पूरे पुलिस परिवार ने हेमा ऐठानी को शुभकामनाएं दी हैं। पूर्व में भी इनके द्वारा पुलिस विभाग में कई सराहनीय कार्यों के लिए उच्चाधिकारियों द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है

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