✒️ मुआवजा राशि मिलने पर भी नहीं तोड़े निर्माण
✒️ सड़क कटान के मानकों पर उठ रहे सवाल, विभाग ने स्पष्ट की स्थिति
– अनूप सिंह जीना
सुयालबाड़ी/गरमपानी। काकड़ीघाट से क्वारब तक चल रहे सड़क चौड़ीकरण के कार्य में अब तक तोड़े नहीं गए कई भवन बाधा बन रहे हैं। आरोप है कि विभाग की ओर से मुआवजा देने के बावजूद कई भवन स्वामियों ने अपने निर्माण ध्वस्त नहीं किए हैं। इसके अलावा विभागीय स्तर पर चल रहे कार्यों पर भी भ्रम की स्थिति बन रही है।
ज्ञात रहे कि काकड़ीघाट से क्वारब तक शासन के निर्देश पर एनएच द्वारा सड़क चौड़ीकरण का काम कराया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक हाईवे पर सड़क कटान का हालांकि 12 मीटर का नियम है। इसके बावजूद सड़क किनारे 13 मीटर तक के दायरे में आने वाले भवनों को विभागीय स्तर पर मुआवजा प्रदान किया गया है। इन सभी भवनों को सड़क चौढ़ीकरण की जद में आने के चलते ध्वस्त करने के आदेश हैं।
इधर दिक्कत यह है कि सुयालखेत व सुयालबाड़ी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के काम को लेकर कुछ लोग संदेह कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि सड़क कटान का काम नियमों के तहत नहीं हो रहा है। कहीं पर 11, तो कहीं 12 तो कहीं 13 मीटर तक कटान हुआ है। हालांकि विभाग ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि तय मानक के अनुसार ही कटान का काम चल रहा है। कुछ लोगों ने अपने निर्माण धवस्त नहीं किए हैं। ऐसी दशा में विभागीय स्तर पर निर्माण ध्वस्त किये जायेंगे।
इधर सड़क कटान को लेकर कई भवन स्वामियों के साथ मुआवजे को लेकर भी मतभेद सामने आ रहे हैं। इन हालातों में विभाग फिलहाल जहां तक भी संभव हो डामरीकरण का काम पूरा करेगा। वहीं, सड़क चौड़ीकरण के दौरान भी हो रहे निर्माण कार्यों पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई निर्माण कार्य 13 मीटर छोड़कर किया जा रहा है तो इसकी अनुमति है। हालांकि यदि निर्माण सड़क कटान के दायरे में हो रहा है तो इस पर कार्यवाही की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर काकड़ीघाट से क्वारब तक 10 किमी सड़क चौड़ीकरण कार्य विगत वर्ष से ही शुरू हो चुका है। एनएच और All Grace Developers Private Limited द्वारा यह कार्य संचालित किया जा रहा है। इस दौरान बहुत सी दुकानें, आवासीय परिसर व भूमि चौढ़ीकरण के मार्ग पर आ रही थीं। जिस कारण विभाग ने संबंधित भवन व भूमि स्वामियों को पूर्व में ही सूचित करते हुए मुआवाजा राशि का भुगतान भी कर दिया था। इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा अपना निर्माण नहीं हटाये जाने से विभाग को दिक्कतें पेश आ रही हैं। विभागीय अधिकारी पूर्व में ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि संबंधित भवन स्वामियों ने अपने निर्माणों को रास्ते से नहीं हटाया तो विभाग निर्माण कंपनी के माध्यम से इन मकानों को तुड़वायेगा, जिसका पूरा खर्चा—जुर्माना संबंधित मकान स्वामियों से वसूला जायेगा।