शक्तिफार्म न्यूज : निजी विद्यालयों में तीन माह की फीस माफ व अगले सत्र में फीस न बढ़ाने के लिए पीएम को भेजा ज्ञापन

शक्तिफार्म । एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू के दिशा निर्देश में शक्तिफार्म के रतनफार्म तीन नम्बर संस्था प्रभारी विश्वजीत मिस्त्री व…


शक्तिफार्म । एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू के दिशा निर्देश में शक्तिफार्म के रतनफार्म तीन नम्बर संस्था प्रभारी विश्वजीत मिस्त्री व सदस्य निरंजन मिस्त्री के नेतृत्व में लॉकडाउन के तीन माह की सभी निजी विद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं की मासिक शुल्क पूर्ण रूप से माफ किऐ जाने एवं निजी विद्यालयों के द्वारा बढ़ाऐ गऐ वार्षिक प्रवेश शुल्क एवं मासिक शुल्क को पूर्व वर्ष के भांति इस वर्ष भी यथास्थिति बनाऐ रखने के लिए संस्था पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सितारगंज तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी के द्वारा ज्ञापन भेजा।
इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था शक्तिफार्म के रतनफार्म तीन नम्बर संस्था सहप्रभारी अजय साना सदस्य बाबू राज ने संयुक्त रूप से कहा की कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा निर्देश में मार्च 2020 से सम्पूर्ण भारत को 17 मई तक के लिए लॉकडाउन किया गया है। जिसके चलते हैं देश के सभी शिक्षा संस्थान भी पूर्ण रूप से बंद किए गऐ हैं। फिर भी बहुत से निजी विद्यालयों के द्वारा विद्यालय में पढ़ रहे छात्र एवं छात्राओं के अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है। पूर्व वर्ष के भांति इस वर्ष वार्षिक प्रवेश शुल्क लगभग चार हजार से लेकर छः हजार रुपये एवं मासिक फीस शुल्क तीन सौ रुपये से लेकर सात सौ रुपये तक बढ़ाई जा रही है। जबकि इस समय लॉकडाउन के चलते सभी आम जनमानस का कारोबार बंद होने की वजह से बहुत से छात्र एवं छात्राओं के अभिभावक अपने घर परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ हैं। फिर फीस कहाँ से जमा करेंगे। फिर भी निजी विद्यालयों के द्वारा वार्षिक प्रवेश शुल्क व मासिक शुल्क पूर्व वर्ष की भांति से अधिक बढ़ाकर जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है। जो इस संकट की घड़ी में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण व आमानवीय व्यवहार है।
इस दौरान सितारगंज तहसीलदार को ज्ञापन देने में संस्था शक्तिफार्म के रतनफार्म तीन नंबर प्रभारी विश्वजीत मिस्त्री, सहप्रभारी अजय साना, निरंजन मिस्त्री व बाबू राज आदि लोग उपस्थित रहे।

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