फिल्म नहीं हकीकत है ! लापता महिला की 12 साल बाद लौटी याददाश्त, घर वापसी

सीएनई डेस्क यह कहानी पूरी फिल्मी पटकथा लगती है, लेकिन पूरी तरह सच है। एक महिला अपनी याददाश्त खोने के बाद अचानक घर से लापता…

सीएनई डेस्क

यह कहानी पूरी फिल्मी पटकथा लगती है, लेकिन पूरी तरह सच है। एक महिला अपनी याददाश्त खोने के बाद अचानक घर से लापता हो जाती है और काफी ढूंढ—खोज के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चलता। महिला के पति पर चार बच्चों के लालन—पालन की जिम्मेदारी आन पड़ती है और उसे वह पूरी ईमानदारी से निभाता भी है। पति को तो यह भी पता नहीं होता कि उसकी पत्नी जिंदा है या मुर्दा ! फिर अचानक कहीं गुम हुई इस महिला की पूरे 12 साल बाद याददाश्त वापस आती है और वह अपने घर लौट आती है।

पति की दर्द भरी कहानी —

दरअसल, यह हैरतअंगेज मामला उत्तराखंड से लगे उत्तर प्रदेश के शहर बिजनौर का है। यहां एक नत्थू सिंह नाम का व्यक्ति अपने बच्चों के साथ रहता है। शादी के काफी समय बाद उसकी पत्नी दीपा (परिवर्तित नाम) का अचानक दिमागी संतुलन गड़बड़ा गया और वह अपनी याददाश्त खोने लगी। नत्थू सिंह ने पत्नी का काफी उपचार कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। जिसके बाद उसकी पत्नी हिंसक व्यवहार भी करने लगी। जिस कारण आस—पड़ोस व रिश्तेदारों ने उससे किनारा कर लिया, लेकिन नत्थू सिंह ने पत्नी को नहीं छोड़ा। फिर वह पत्नी—बच्चों के साथ जिसके बाद पति नत्थू पूनम को लेकर बिजनौर जनपद के शेरकोट थाना के पालिकी गांव में जाकर बस गया। इसी बीच आज से 12 साल पहले उसकी पत्नी अचानक लापता हो गई। जिसकी उसने काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। फिर गुमशुदगी शेरकोट थाने में भी दर्ज कराई। पुलिस भी उसकी पत्नी को ढूंढ पाने में नाकाम रही।

यह था पूरा मामला —

घटनाक्रम के अनुसार उसकी पत्नी किसी तरह बिजनौर से बिहार पहुंच गई थी। जहां कुछ भले लोगों ने उसे मानसिक आरोग्यशाला, कोईलवर में भर्ती करा दिया था। मानिसक रोग अस्पताल की अपर निदेशक डॉ. पूर्णिमा रत्न ने के अनुसारा भर्ती होने के बाद उसका लंबा उपचार चला और दीपा ठीक हो गई। जब वह अस्पताल आई थी तो अपने घर का पता नहीं बता पा रही थी, लेकिन अचानक उसकी याददाश्त वापस आई और उसने अपने घर का पूरा पता बता दिया। जिसके बाद 29 जून को गांव के प्रधान को अफजलगढ़ पुलिस ने फोन किया और दीपा के बारे में जानकारी दी। यही नहीं, वीडियो कॉल के माध्यम से भी महिला की बात परिवार से करवाई गई। जिसके बाद कुछ लोग उसे लेने अस्पताल पहुंच गये।

दूसरे बार उपचार में हुई पूरी तरह स्वस्थ —

बताया जा रहा है कि मानसिक अस्पताल में भर्ती होने से पहले दीपा पटना के शांति कुटीर संस्था पहुंच गई थी। संस्था ने 2020 में इलाज के लिए उसे कोईलवर के मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती करवाया था। जहां एक साल उसका उपचार हुआ और महिला को शांति कुटीर भेज दिया गया। ​इसके बाद अक्टूबर 2021 में ​दीपा को पुन: मानसिक अस्पताल भर्ती कराया गया। इस दूसरी थिरेपी में वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई।

अस्पताल प्रशासन की मुहिम लाई रंग —

बताया जा रहा है कि गत 4 जून, 2022 को दीपा ने जानकारी दी कि वह बिजनौर की तहसील अफजलगढ़ के तुरुतपुर गांव की रहने वाली है। तब स्वास्थ्यकर्मी दिलीप ने बिजनौर के पुलिस अधीक्षक से संपर्क साधा और अफजलगढ़ के एसएचओ का मोबाइल नंबर लिया। जिसके बाद पूनम वापस अपने पति—बच्चों के पास पहुंच पाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *