बद्दी : आंखों की रोशनी कम होने के बाद गई नौकरी न रहने का ठिकाना ना खाने का, फिर नई दिशा ने नरेश कुमार को दिया नया जीवन

बद्दी। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के तहत कुल्हाड़ीवाला स्थित नई दिशा ड्रग कांउसलिंग एंड रिहेबिटेशन सोसाईटी ने 60 वर्षीय लावारिस को नया जीवन दिया है। आनंदपुर…

बद्दी। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के तहत कुल्हाड़ीवाला स्थित नई दिशा ड्रग कांउसलिंग एंड रिहेबिटेशन सोसाईटी ने 60 वर्षीय लावारिस को नया जीवन दिया है। आनंदपुर साहिब पंजाब का रहने वाला नरेश कुमार बीबीएन में 15 सालों से बतौर ट्रक चालक काम कर रहा था लेकिन एक सड़क हादसे के बाद नरेश की आंखों की रोशनी कम हो गई। जिसके बाद ट्रक मालिक ने नरेश को नौकरी से निकाल दिया। जिसके बाद 62 वर्षीय नरेश बरोटीवाला बस स्टैंड पर खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को मजबूर था। नौकरी छूटने के बाद नरेश के पास न रहने का ठिकाना था और ना ही खाने का। अगर किसी ने रोटी दे दी तो खा ली नहीं तो लावारिस नरेश भूखा ही सोने को मजबूर था।

नरेश की जानकारी जब नई दिशा के संचालक संजीव गर्ग को मिली तो वह रविंद्र, अरुण गोयल और नरेश कुमार को लेकर बरोटीवाला बस स्टैंड पहुंचे और वहां मार्किट वालों व पंचायत प्रधान की अगुवाई में लवारिस नरेश को अपने सेंटर लेकर आये। जहां कई दिनों से नहीं नहाए नरेश को नहलाया गया और उसके कपड़े बदलकर उसकी हालत सुधारी गई। लावारिस नरेश चमड़ी रोग से ग्रस्त था और उसकी मानसिक हालात ठीक नहीं थी। जिसका नई दिशा ने उपचार करवाया और उसे रहने के लिए आशियाना दिया। नई दिशा के संचालक संजीव गर्ग का कहना है की अगर सरकार उनकी संस्था की मदद करती है तो वह किसी भी लावारिस को खुले आसमान के नीचे नहीं रहने देंगे।

उन्होंने कहा के नई दिशा पिछले कई सालों से समाज सेवा और युवाओं को नशे से मुक्त करवाकर नया जीवन देने को प्रयासरत है। बद्दी बरोटीवाला में भी संस्था सामाजिक दायित्व को पूरी ईमानदारी और कर्त्तव्यनिष्ठा से निभा रही है। सरकार अगर ऐसी सस्थाओं की मदद को आगे आती है तो लावारिस लोगों को जहां नया जीवन मिलेगा वहीं युवाओं को भी नई दिशा मिलेगी।

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