पर्वतीय विकास की अवधारणा को साकार करने स्व. जीना का बड़ा योगदान

⏩ एसएसजे विश्वविद्यालय व बार भवन में जयंती पर याद किये गये पर्वत पुत्र शोबन सिंह जीना सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय मुख्यालय…

⏩ एसएसजे विश्वविद्यालय व बार भवन में जयंती पर याद किये गये पर्वत पुत्र शोबन सिंह जीना

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय मुख्यालय में विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने स्व. सोबन सिंह जीना की जयंती मनाई। इस मौके पर उनके मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए उनका स्मरण किया गया और पर्वतीय क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को अविस्मरणीय बताते हुए उनके आदर्शों पर चलने की जरूरत बताई गई। वहीं बार एसोसिएशन अल्मोड़ा द्वारा पुराने कलेक्ट्रेट के बार भवन में जयंती कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

जयंती कार्यक्रम में कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने अपने संदेश में कहा कि पर्वतीय विकास की अवधारणा को साकार करने वाले स्व. सोबन सिंह जीना का पर्वतीय राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शिक्षा, सड़क एवं पर्वतीय राज्य के विकास के लिए उनका योगदान स्मरणीय है। उन्होंने उनके आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है। शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि स्व. जीना विकास के पुरोधा रहे। उनके जीवन से हमें सीख लेने की आवश्कता है। जयंती के उपलक्ष्य में सोबन सिंह जीना परिसर में सोबन सिंह जीना की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया।

उक्त कार्यक्रमों के दौरान प्रो. जगत सिंह बिष्ट, प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट, प्रो. इला साह, प्रो. शेखर चंद्र जोशी, प्रो. जीसी शाह, डॉ. पारुल सक्सेना प्रो. सुशील कुमार जोशी, डॉ. भाष्कर चौधरी,, डॉ. ममता असवाल, डॉ. ललित चंद्र जोशी समेत कई शिक्षक-शिक्षिकाएं, शिक्षणेत्तर कर्मचारी व छात्र-छात्राएं शामिल रहीं।

बार एसोसिएशन ने स्व. जीना को किया नमन

ऐडवोकेट स्व० शोबन सिंह जीना की ११४ वीं जयंती पर जिला बार एसोसिएशन अल्मोड़ा के अधिवक्ताओं द्वारा पुराने कलेक्ट्रेट के बार भवन में समारोहपूर्वक मनाई गई। सर्वप्रथम स्व. जीना की फ़ोटो पर माल्यार्पण किया गयाा इसके बाद मिष्ठान वितरण किया गया। वक्ताओं ने उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर बार एसोसिएशन अल्मोड़ा के पूर्व अध्यक्ष महेश चंद्र सिंह परिहार, पूर्व दर्जा मंत्री ऐडवोकेट केवल सती, त्रिभुवन पांडे, डीके जोशी, शोबन सिंह नगरकोटी, माधव सिंह जीना, विमल टम्टा, भगवान वर्मा, हर्षवर्धन साह, एनके जोशी, भावना जोशी, रोहित कार्की, कविंद्र पंत, पंकज लटवाल आदि अधिवक्तागण उपस्थित थे।

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