उत्तराखंड : क्या हुआ जब प्रधानमंत्री ने मिलाया बागेश्वर की पूनम नौटियाल को फोन, पढ़ें खास बातचीत

बागेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 82वें संस्करण में बागेश्वर की एएनएम पूनम नौटियाल से बातचीत करते हुए उनके अनुभव को सुना।…

बागेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 82वें संस्करण में बागेश्वर की एएनएम पूनम नौटियाल से बातचीत करते हुए उनके अनुभव को सुना। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 82वें संस्करण के तहत राष्ट्र को संबोधित किया।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन लक्ष्य प्राप्त करने पर हेल्थ वर्करों से बातचीत करते हुए उनका हौसला बढ़ाया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से बागेश्वर की पूनम नौटियाल ने अनुभव साझा किए।

मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘साथियों, ये बागेश्वर उत्तराखंड की उस धरती से है। जिसने शत-प्रतिशत पहला डोज लगाने का काम पूरा कर दिया है। उत्तराखंड सरकार भी इसके लिए अभिनंदन का अधिकारी है। क्योंकि, बहुत दुर्गम और कठिन क्षेत्र है। प्रधानमंत्री मोदी आगे कहा कि मेरा सौभाग्य है मुझे बागेश्वर आने का अवसर मिला था। क्योंकि बागेश्वर तीर्थ क्षेत्र है। वहां पुरातन मंदिर भी हैं और मैं बहुत प्रभावित हुआ था सदियों पहले कैसे लोगों ने काम किया होगा। जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now

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वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूनम से बात करते हुए उनसे उनके क्षेत्र में कोविड वैक्सीनेशन की जानकारी भी ली। पूनम ने वैक्सीनेशन के दौरान आई दिक्कतों के बारे में पीएम मोदी को बताया कि यहां बारिश के कारण अक्सर रोड ब्लॉक हो जाती थी। ऐसे में हमने कई खतरे भी उठाए और नदियों और घाटियों को पार करते हुए घर-घर जाकर उन लोगों का वैक्सीनेशन किया, जो सेंटर में आने में असमर्थ थे। जैसे बुजुर्ग, दिव्यांग, गर्भवती महिलाएं।

पूनम ने आगे बताया कि एक दिन में उन्हें 8 से 10 किलोमीटर तक पैदल सफर तय करना पड़ता था। वहीं, प्रधानमंत्री ने पूनम की बात काटते हुए कहा कि तराई में रहने वाले लोगों को समझ में नहीं आएगा, क्योंकि पहाड़ों में 8 से 10 किलोमीटर का सफर तय करने में पूरा दिन निकल जाता है। पीएम ने पूनम की तारीफ करते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का काम काफी मेहनत का था क्योंकि वैक्सीनेशन का सारा सामान इन्हें खुद ही उठाकर ले जाना होता था।

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उन्हें कहा कि चार से पांच लोगों की टीम ने बहुत अच्छा कार्य किया है। पीएम मोदी को अपनी पांच लोगों की टीम के बारे में पूनम ने बताते हुए कहा कि हमारी टीम में एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट, आशा, एनएनएम और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर है। वहीं, पीएम के डाटा एंट्री में कनेक्टिविटी को लेकर पूछे गए का जवाब देते हुए पूनम ने बताया कि कहीं कहीं नेटवर्क मिल जाते थे। अक्सर डाटा एंट्री का काम हम बागेश्वर आकर ही करते थे।

वहीं, पीएम ने जब सेंटर से बाहर जाकर पूनम से वैक्सीनेशन करने को लेकर सवाल किया तो पूनम ने बताया कि हमारी टीम के प्रत्येक व्यक्ति ने संकल्प लिया था कि कोरोना की बीमारी को देश से दूर भागना है, ऐसे में कोविड वैक्सीनेशन से कोई छूटना नहीं चाहिए।

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पीएम मोदी के वैक्सीनेशन प्रक्रिया की मॉनिटिरिंग को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पूनम ने बताया कि हमने प्रत्येक व्यक्ति की गांव वाइज लिस्ट बनाई थी, उस हिसाब से जो लोगों सेंटर में आकर वैक्सीन ले रहे थे। उनका डॉटा इकट्ठा किया। साथ ही जो लोग सेंटर नहीं पहुंचे, फिर उन्हें घर-घर जाकर वैक्सीन लगाई। वहीं, पीएम ने पूछा कि वैक्सीन को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत पड़त थी, तो पूनम ने कहा कि हांजी कई बार लोगों का समझाना पड़ता था कि वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है।

वहीं, पीएम मोदी इस पूरी बातचीत में पूनम नौटियाल और उनकी टीम की सराहना की। साथ ही पीएम ने टीम की तारीफ करते हुए कहा कि कोरोना से लड़ाई में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। वह पूरी टीम को बधाई देते हैं कि विकट परिस्थितियों में भी उन्होंने शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा किया है।

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