सीएनई रिपोर्टर, रामनगर
गत दिनों रामनगर में हुई फायरिंग में युवक के घायल होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस जांच में पता चला कि युवक पर गोली किसी अन्य ने नहीं, बल्कि उसकी ही जेब में रखे अवैध तमंचे से भूलवश चल गई थी, जिससे वह घायल हो गया था। पुलिस ने आरोपी युवक के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
याद दिला दें कि गत 16 अप्रैल की शाम रामनगर में एक युवक सौरभ पुत्र स्वर्गीय राजू निवासी वाल्मीकि बस्ती रामनगर खताड़ी अचानक गोली लगने से घायल हो गया था। यह गोली उसके पैर के पिछले हिस्से में लगी थी। घटना गुल्लरघट्टी क्षेत्र में हुई थी। जिसके बाद उसे आनन—फानन में रामनगर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से बाद में बृजेश हॉस्पिटल भर्ती करा दिया गया था।
इस मामले को पुलिस शुरू से ही संदिग्ध मान रही थी, लेकिन युवक ने यह कह कर सनसनी मचा दी थी कि किसी ने उस पर फायर किया है। इधर पुलिस ने बताया कि उन्हें गुमराह करने का प्रयास हुआ। पूछताछ में पता चला कि यह फायर उसकी पेंट में रखे 315 बोर के तमंचे से ट्रिगर दबने से हुआ था।
कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसआई मनोज अधिकारी सरकारी अस्पताल पहुंचे थे। जहां कुछ दिन बाद उपचार के बाद वह स्वस्थ हो गया। गत दिवस मंगलवार को जब सौरभ स्पताल से डिस्चार्ज हुआ तो उससे कड़ाई से पूछताछ हुई। तब उसने सब सच उगल दिया। उसने बताया कि 2 महीने पहले उसका रामनगर के ही चंदन सागर व पप्पी सागर से लड़ाई झगड़ा हो गया था। चंदन सागर ने उस पर गोली चला दी थी। इस कारण वह अपनी सुरक्षा के लिए एक तमंचा हमेशा अपने पास रखता है। बीते 16 अप्रैल को भी उसने तमंचा अपनी पैंट में पीछे की तरफ छुपा कर रखा था, लेकिन तमंचे से अचानक फायर हो गया और गोली पैर में पीछे की तरफ लग गई। उसके बाद वह तमंचा वहीं फेंककर अस्पताल में भर्ती हो गया था।जिसके बाद पुलिस ने आरोपी की मदद से 315 बोर के तमंचा व एक खोखा कारतूस बरामद कर उसे जेल भेज दिया है।