कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीन दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया स्वागत

कानपुर। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द (President Ram Nath Kovind) कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन से प्रेसिडेंशियल ट्रेन से तीन दिवसीय प्रवास…

कानपुर। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द (President Ram Nath Kovind) कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन से प्रेसिडेंशियल ट्रेन से तीन दिवसीय प्रवास पर कानपुर (Kanpur) पहुंचे। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद का राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। इस यात्रा में राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविन्द भी मौजूद हैं। इस मौके पर प्रदेश सरकार के कई मंत्री और विधायकों के अलावा पुलिस कमिश्नर असीम अरूण मौजूद थे।

स्टेशन से राष्ट्रपति का काफिला कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सर्किट हाउस के लिये रवाना हो गया। राष्ट्रपति यहां रात्रि विश्राम करेंगे और शनिवार को विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे जिनमें करीब 50 विशिष्टजनो के अलावा अन्य संगठनों के लोग शामिल हैं।

इससे पहले झींझक में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि कहा कि यह दूरियां केवल प्रोटोकॉल की वजह से हैं। दिल से मैं आप लोगों के काफी करीब हूं। फर्क सिर्फ इतना है मैं इस कतार में सबसे आगे हूंए इसलिए देश का पहला नागरिक हूं।

राष्ट्रपति ने कहा कि झींझक की गलियां, स्टेशन याद हैं। यहां घंटों ट्रेन का इंतजार करता था। जब मैं परौंख से खानपुर होकर जाता था तो झींझक में मिठाई की दुकान थी वो मुझे आज भी याद है। अपने मित्रों को याद करते हुए वे बोले कि मेरे मित्र थे। एक बाबूराम वाजपेयी जी जिनका मकान यहीं पीछे है। दूसरे रसूलाबाद के रामविलास त्रिपाठी जी। इन दोनों की तरह ऐसे अनेक हमारे अपने लोग हमसे बिछड़ गए। वहीं कुछ अपने इस अश्य बीमारी कोरोना के कारण हमें छोड़कर चले गए। ऐसे सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मैं 2019 से अपनी जमीन पर आने की सोच रहा था अब आया हूं। अपनों के बीच आने की खुशी को मैं चंद शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। दोस्तों और परिवार से मिलने का जो सुख है वो मैं यहां आकर महसूस कर पा रहा हूं।

राष्ट्रपति करीब डेढ़ साल के लंबे अंतराल के बाद अपने गृहनगर आये हैं। वह रविवार यानी 27 जून को सुबह नौ बजे अपने पैतृक गांव परौंख के लिये रवाना होंगे और अपने रिश्तेदारों,मित्रों और शुभचिंतकों से मुलाकात करेंगे। लगभग सारा दिन गांव में बिताने के बाद श्री कोविंद उसी शाम करीब छह बजे कानपुर लौट आयेंगे। सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करने के बाद वह 28 जून को लखनऊ रवाना होंगे।

करीब डेढ़ दशक के बाद किसी राष्ट्रपति की यह पहली ट्रेन यात्रा रही है। इससे पहले 2006 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति के तौर दिल्ली से देहरादून की यात्रा की थी। वह राष्ट्रीय सैन्य अकादमी (एनडीए) की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने गये थे।

लंबे अंतराल के प्रेसिडेंशियल ट्रेन के चलने पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कहा कि ये हमारे लिए गौरव की बात है कि राष्ट्रपति 15 साल के अंतराल के बाद ट्रेन से सफर कर रहे हैं। उनकी ये यात्रा दिल्ली से कानपुर होते हुए लखनऊ की है। आज ये ट्रेन कानपुर जाएगी उसके बाद दो दिन के कानपुर प्रवास के बाद ये ट्रेन लखनऊ जाएगी।

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