Indo-Japan Youth Exchange program में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे चंपावत के सौरभ

भारत से महज 20 चयनित युवाओं में शामिल हैं सौरभ जापानी युवाओं के साथ करेंगे 900 किमी लंबी यात्रा दोनों देशों की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को…

  • भारत से महज 20 चयनित युवाओं में शामिल हैं सौरभ
  • जापानी युवाओं के साथ करेंगे 900 किमी लंबी यात्रा
  • दोनों देशों की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को सुलझाने के लिए तैयार करेंगे प्रोजेक्ट

सीएनई रिपोर्टर, चंपावत
भारत और जापान के कूटनीतिक संबंधों के 70 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जापानी विदेश मंत्रालय व जापानी संगठनों द्वारा Hack the Innovative Future कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। जिसमें शामिल होने के लिए 04 हजार से अधिक भारतीय युवाओं ने आवेदन किया, जिनमें से सिर्फ 20 युवाओं का चयन हुआ। इन्हीं 20 में एक कुमायूं के चंपावत जिले के सौरभ जोशी शुमार हैं। जो जापानी युवाओं के साथ 16 सितंबर से दिल्ली से वाराणसी तक 900 किमी की यात्रा करेंगे और सृजनात्मक प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। (आगे पढ़िये…)

उक्त आयोजन के माध्यम से जापानी विदेश मंत्रालय की ओर से अलग-अलग पृष्ठभूमि के भारतीय व जापानी युवाओं को दोनों देशों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करने का मौका दिया जा रहा है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 4000 से अधिक भारतीय युवाओं ने आवेदन किया था, जिनमें से भारत के अग्रणी संस्थानों के 20 युवाओं का चयन हुआ है। खुशी की बात ये है कि इन चयनित मात्र 20 युवाओं में एक कुमायूं मंडल का युवक भी शामिल है। यह युवक चंपावत के होनहार युवा सौरभ जोशी हैं। (आगे पढ़िये…)

उन्होंने बताया कि सभी चयनित युवा 16 सितम्बर से 24 सितम्बर 2022 तक 20 जापानी युवाओं के साथ दिल्ली से वाराणसी तक 900 किमी की यात्रा करेंगे। इस यात्रा के माध्यम से दोनों देशों की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को सुलझाने की दिशा में सृजनात्मक प्रोजेक्ट्स एकत्र होंगे। इसमें उच्चतम सामाजिक महत्व, आर्थिक प्रभाव व द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति लाने वाले प्रोजेक्ट को वाराणसी में पुरस्कृत किया जायेगा। इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से सन् 2040 तक दोनों देशों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बेहतर बनाने का मार्ग्र प्रशस्त होगा। (आगे पढ़िये…)
मेधावी व होनहार हैं सौरभ

मूल रूप से चंपावत जिले के ग्राम रानीखेत निवासी सौरभ के पिता सुरेश चंद्र जोशी स्वजल में कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता दीपा जोशी गृहिणी हैं। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले सौरभ प्रतिभावान है और यही प्रतिभा उन्हें प्रगति के मार्ग पर ले चल रही है। सौरभ वर्तमान में राजकीय महाविद्यालय लोहाघाट में एमएससी वनस्पति विज्ञान के छात्र हैं। वह चंपावत से विज्ञानशाला स्टेम चैम्पियंस का प्रतिनिधित्व भी करते आ रहे हैं। सौरभ चाय व मशरूम की विभिन्न प्रजातियों पर शोध कार्य कर रहे हैं तथा पिछले वर्ष से विज्ञानशाला स्टेम चैम्पियंस है। सौरभ अपने उक्त चयन का श्रेय विज्ञानशाला की संस्थापक डा. दर्शना जोशी व शिक्षक डा. विवेक लोहिया के मार्गदर्शन, विज्ञानशाला के सहयोग व मेंटरिंग को देते हैं। चयन के बाद अब वह जापानी युवाओं के साथ अनुभवों को साझा करने के लिए उत्साहित हैं। (आगे पढ़िये…)
विज्ञान के क्षेत्र में युवाओं का भविष्य तराश रही विज्ञानशाला

पहाड़ के युवाओं को विज्ञान के क्षेत्र में भविष्य संवारने जैसे नेक कार्य में जुटी विज्ञानशाला इंटरनेशनल नामक संस्था की संस्थापक डा. दर्शना जोशी हैं, जो बंगलौर में वैज्ञानिक हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ व चंपावत में संस्था कार्य कर रही है। डा. दर्शना ने बताया कि संस्था का उद्देश्य पहाड़ में अध्ययनरत मेधावी छात्र-छात्राओं को विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना, मौका व सुविधाएं देना है। इसके लिए इच्छुक प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन, जरुरतमंद छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। साथ ही देश-विदेश के वैज्ञानिकांे के जरिये उन्हें विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों, प्रोजेक्टों व क्रियाकलापों से आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। इस संस्था के माध्यम से तमाम युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिला है। गत वर्ष ही विज्ञानशाला ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बेरीनाग के छात्र-छात्राओं के साथ यह प्रोग्राम शुरु किया, जिनमें से 10 छात्र-छात्राएं वर्तमान में विज्ञानशाला के दिशा-निर्देशन में अन्तराष्ट्रीय वैज्ञानिकों एवं कम्पनियों के साथ प्रोजेक्ट्स, क्रियाकलाप व इंटर्नशिप कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विज्ञानशाला में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या 60 है।

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