श्रद्धांजलि : जेपी से प्रभावित हुई और झांसी की रानी को आदर्श मानती थीं श्यामा शर्मा

यशपाल कपूर सोलन। हिमाचल प्रदेश की तेजतर्रार भाजपा नेत्री व पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा का सोमवार को निधन हो गया। वे ७० वर्ष की थीं।…

यशपाल कपूर

सोलन। हिमाचल प्रदेश की तेजतर्रार भाजपा नेत्री व पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा का सोमवार को निधन हो गया। वे ७० वर्ष की थीं। सिरमौर जिला के नाहन निवासी श्यामा शर्मा को करीब चार दिन पहले डिहाईड्रेशन हुआ था। इसके बाद रविवार को उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी पहले उन्हें नाहन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया और जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो सोमवार सुबह ही उन्हें चंडीगढ़ रैफर किया गया। चंडीगढ़ पहुंचते ही उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। भाजपा नेत्री श्यामा शर्मा की मौत से खबर से सिरमौर समेत प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।

उनकी गिनती हिमाचल प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता मृदुभाषी,ओजस्वी वक्ताओं में होती थी। आपातकाल के दौरान उनके संघर्ष, सिरमौर जिला के विकास कार्यों और मजदूर हितैषी नेताओं के रूप में उन्हें सदा याद किया जाएगा। सिरमौर कल्याण मंच सोलन के प्रधान बलदेव चौहान,वरिष्ठ उपप्रधान प्रदीप मंमगाईं, महासचिव डॉ. रामगोपाल शर्मा , कंवर वीरेंद्र सिंह, डॉ.डीपी शर्मा, यशपाल शर्मा, रमेश शर्मा, बीआर शर्मा, नरेंद्र चौहान, नारारायण सिंह चौहान, डॉ.डीपी शर्मा, डॉ.लाकेश ममगाईं, डॉ.एसएस परमार, यशपाल कपूर, सतपाल ठाकुर, सुखदर्शन ठाकुर, संदीप शर्मा,जय ठाकुर, समेत समस्त सदस्यों ने उनके निधन पर शोक जताया और शोक सतंप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई है।

सिरमौर की पहली महिला विधायक एवं मंत्री रही श्यामा शर्मा
राजनीति जैसी बीहड़ राहों पर चलने वाली सिरमौर की शेरनी श्यामा शर्मा नाहन में बड़े जमींदार पंडित दुर्गा दत्त के घर पैदा हुई। मां देहरादून से थी। बी.ए. की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी से की। बाद में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तथा आगरा यूनिवर्सिटी से कई कोर्स किए। वे एल.एल.बी.तथा राजनीति शास्त्र एवं समाजशास्त्र में एम.ए.थी।

श्यामा शर्मा जय प्रकाश (जेपी) की शख्सियत से प्रभावित रही। वे फायर ब्रांड आंदोलनकारी रही हैं। युवा मुक्ति मोर्चा की संस्थापक सदस्य भी रही और खोदरी-माजरी लेबर मूवमेंट जो देश के बड़े आंदोलनों में शुमार रहा है, उसका हिस्सा रही, जिस कारण आपको एक वर्ष भूमिगत भी रहना पड़ा।
एक राजनेता की सबसे बड़ी खासियत होती है भाषा पर पकड़। श्यामा विचारानुसार, भावानुसार भाषा की जादूगर रहीं। श्यामा शर्मा के ओजस्वी भाषणों ने सिरमौर के अनेकानेक लोगों को प्रभावित और इस कला में सुधार के लिए प्रेरित किया।

श्यामा शर्मा हिमाचल प्रदेश जनता पार्टी की अध्यक्ष भी रही। जेपी मूवमेंट के भी आपकी भागीदारी रही। 1977 में पहली बार हिमाचल विधानसभा के लिए 10 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, जिसमें अकेली वे ही थी जो विधानसभा में चुनकर आई और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की सरकार में राज्य मंत्री भी बनीं। 1982 में भी वे विधायक रहीं। श्यामा शर्मा हिमाचल प्रदेश योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रही हैं। 1989 में आपने क्रांतिकारी मोर्चे का गठन किया। उसके बैनर तले 1990 में चुनाव लड़े और सिरमौर के रेणुका से रूप सिंह, शिलाई से जगत सिंह नेगी और नाहन से श्यामा स्वयं जीती। बाद में मोर्चे का भाजपा में विलय हो गया।

राजनीतिक समीकरणों के उतार-चढ़ावों में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव भी रहीं। 2 फरवरी 2012 को बनी हिमाचल लोकहित पार्टी की भी फाउंडिंग मेंबर रही। श्यामा ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखें पर हिम्मत कभी नहीं हारी। आंदोलनकारी की छवि आपकी हमेशा बरकरार रही। महिला सशक्तिकरण तभी हो सकता है जब हम महिलाओं को जागरूक करेंगे। श्यामा शर्मा झांसी की रानी को अपना आदर्श मानती थीं। उनके संघर्षों से सिरमौर की नारियों को प्रेरणा मिली।

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