तो क्या उत्तराखंड में भी बदली जायेगी चुनाव की तारीख, यह है कारण !

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून तो क्या पंजाब के बाद अब उत्तराखंड में भी चुनाव की तारीख बदली जायेगी ? ऐसा सम्भव भी हो सकता है, क्योंकि…

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून

तो क्या पंजाब के बाद अब उत्तराखंड में भी चुनाव की तारीख बदली जायेगी ? ऐसा सम्भव भी हो सकता है, क्योंकि कई कारणों से प्रदेश में भी अब सोमवार, 14 फरवरी को होने जा रहे मतदान को टालने की मांग उठने लगी है।

ज्ञात रहे कि पंजाब में मतदान की तारीख बदलने के बाद अब कई कारणों से उत्तराखंड में भी तिथि बदलने की मांग विभिन्न स्तर पर उठने लगी है। यहां विभिन्न संगठन चुनाव आयोग से प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थिति, पलायन और मौसम को देखते हुए मतदान के लिए संडे का दिन और मार्च माह का प्रथम सप्ताह निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं। सूत्र बता रहे है कि यदि उत्तराखंड में मतदान की तारीख बदली तो मतदान 14 फरवरी के बजाय 6 मार्च को हो सकता है। News WhatsApp Group Join Click Now

ज्ञात रहे कि Election commission ने उत्तराखंड में मतदान की तारीख सोमवार, 14 फरवरी तय की है। आपत्ति दर्ज करने वाले कह रहे है किं फरवरी माह में प्रदेश के Chamoli, Pithoragarh, Uttarkashi समेत कई जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम खराब होने से बर्फबारी की संभावना रहती है। जिससे polling parties को बूथ तक पहुंचने के अलावा आम जनता को वोट डालने के लिए बूथ तक पहुंचने में दिक्कत पेश आ सकती है।

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वहीं 14 फरवरी को मंडे यानी वर्किंग डे है। समस्या यह है कि उत्तराखंड में पलायन की स्थिति बड़ी विकट है। यहां का एक बड़ा समुदाय दिल्ली, मुंबई, यूपी आदि में नौकरी करता है। सोमवार को वह अपने गांव के पोलिंग बूथ नहीं पहुंच सकते हैं। यदि 14 फरवरी, सोमवार को चुनाव हुआ तो अन्य राज्यों में नौकरी पेशा वाले उत्तराखंड प्रवासियों को वोट डालने के लिए आना संभव नहीं होगा। खबरें वही जो समय पर मिले, तो जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now

मतदान टालने की अपील कर रहे लोगों का कहना है कि यदि मतदान के लिए रविवार का दिन और मार्च के पहले सप्ताह में मतदान की तारीख तय होती है तो इससे मत प्रतिशत बढ़ सकता है। साथ ही लोगों को वोट देने के लिए मौसम और कोरोना संक्रमण जैसे चुनौतियां का सामना नहीं करना पड़ेगा। तारीख में बदलाव करने की अपील करने वालों में सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल, पद्मश्री व पर्यावरणविद् कल्याण सिंह रावत, पूर्व अध्यक्ष उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ राजेंद्र बहुगुणा आदि शामिल हैं। हालांकि हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि विभिन्न संगठनों द्वारा चुनाव की तारीख में परिवर्तन की मांग का फिलहाल चुनाव आयोग ने कोई उत्तर नहीं दिया है। अलबत्ता सिर्फ इतना है कि इसको लेकर बौद्धिक वर्ग की ओर से आयोग को विभिन्न स्तरों पर पत्र भेजे गये हैं।

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