भिन्डी बीज को अंकुरित कर ही बुवाई करें

डा. राजेंद्र कुकसाल[email protected] अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि भिन्डी बीज पूरी मेहनत कर खेत में बुआई की किन्तु बीज में जमाव नहीं हुआ…


डा. राजेंद्र कुकसाल
[email protected]

अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि भिन्डी बीज पूरी मेहनत कर खेत में बुआई की किन्तु बीज में जमाव नहीं हुआ या बीज कम जमा।

भिन्डी की बुआई ग्रीष्म काल व बारिश के मौसम में की जाती है। बुआई से पूर्व बीजौं को पानी से भरे बर्तन में डालें , स्वस्थ बीज बर्तन की सतह पर बैठ जायेंगे , जो बीज पानी में तैरने लगे उन्हें अलग कर लें। स्वस्थ बीजों की ही बुवाई करें।

एक नाली (याने दो सौ वर्ग मीटर) क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन भिन्डी की कास्त करने हेतु 300 ग्राम तथा बर्षा काल में 250 बीज की आवश्यकता होती है।

भिन्डी बीज को खेत में बोने से पहले अंकुरित करा लें इसके दो फायदे होंगे।

  1. ग्रीष्मकाल में शीघ्र उपज लेने हेतु, फरवरी मार्च में पहाड़ी क्षेत्रों में ताप मान कम रहता है, भिन्डी बीज को जमाव हेतु 17 डिग्री सेल्सियस सेअधिक औसत तापमान की आवश्यकता होती है। बीज की बुआई सीधे खेतों में करने पर यदि बीज को उचित तापमान नहीं मिला, तो बीज खेत में ही पड़ा रहेगा तथा कुछ समय बाद सड़ सकता है।
  2. भिन्डी बीज की जमाव क्षमता मात्र एक या दो बर्ष तक की ही होती है, विभागों/संस्थाओं द्वारा योजनाओं में कभी कभी पुराना बीज कृषकों को उपलब्ध करा दिया जाता है। बीज यदि पुराना हुआ तो उसमें जमाव नहीं हो पाता इसप्रकार बीज को बोने से पहले अंकुरित करा लेने से बीज का परीक्षण भी हो जाता है, वरन् पुराने बीज बोने पर कृषक का समय व मेहनत बेकार हो जाती है।

बीज को अंकुरण कराने हेतु रातभर पानी में भिगोकर फुला देते है, ध्यान रहे पानी ज्यादा ठंडा न हो, बीज निथार कर फुले हुए बीजों को एक पोटली में रखकर आधा सडे गोबर के ढेर के अन्दर दबाकर 2 से 3 दिन रखकर अंकुरण करा लें, बीज जमाव हेतु भूसे के ढेर के अन्दर भी रख सकते हैं।

ग्रीष्मकालीन फसल के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेंटीमीटर और लाइन में पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर रखें । बर्षा काल में भिन्डी बीज की बुवाई पंक्ति से पंक्ति 60 सेंटिमीटर और लाइन में बीज से बीज की दूरी 30 सेंटिमीटर रखते हैं। बीज बुवाई के समय खेत में नमी का होना आवश्यक है।

मोबाइल नंबर-
9456590999

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *