सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
फर्जी फौजी बनकर सस्ती कीमत पर स्कूटी बेचने का लालच दिया और अल्मोड़ा की महिला के साथ ठगी की गई। पुलिस की कारगर कार्रवाई से इस साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले दो व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले का महज 11 दिन मेंं खुलासा हुआ। जो साइबर क्राइम के मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई है। गिरफ्तार लोग भरतपुर (राजस्थान) के निवासी हैं।
आ यूं कि सोल्जर्स कार्नर नियर तव एकेडमी, दुगालखोला अल्मोड़ा निवासी राजुल नागर पुत्री किशन सिंह बिष्ट द्वारा कोतवाली अल्मोड़ा में धारा-420 भादवि में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले के अनुसार अज्ञात व्यक्ति ने ओएलएक्स (वेबसाइट) के माध्यम से सस्ती कीमत पर स्कूटी डिलीवरी का लालच दिया, मगरी वादिनी द्वारा गूगल—पे से 19,200 रूपये संबंधित एकाउंट में डालने के बाद भी स्कूटी की डिलीवरी नहीं हुई, तो वादिनी आनलाइन धोखाधड़ी की चपेट में आ गई।
एसएसपी पंकज भट्ट ने साइबर क्राइम के इस मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर अपराधियों तक पहुंचने के लिए विवेचक एवं सर्विलांस टीम को सतर्क किया और अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार के निर्देश दिये। मामले सर्विलांस टीम के कांस्टेबिल मोहन बोरा ने सर्विलांस की मदद से अज्ञात साइबर क्राइमर का पता लगाया। अभियोग पंजीकृत होने के बाद इसकी विवेचना उप निरीक्षक रजत कसाना ने शुरू की। विवेचना मेंं मामले में दो व्यक्ति प्रकाश में आए। इनमें राहुल (32 वर्ष) पुत्र सुल्तान, निवासी हैवतका, थाना गोपालगढ़, जिला भरतपुर, राजस्थान तथा तौफिक (26 वर्ष) पुत्र लियाकत, निवासी कठौल, थाना पहाड़ी, जिला भरतपुर, राजस्थान शामिल हैं। इन दोनों को पुलिस टीम भरतपुर राजस्थान से पूछताछ के लिए कोतवाली अल्मोड़ा लाई।
पूछताछ में दोनों धोखाधड़ी करने की बात स्वीकारते हुए बताया ओएलएक्स पर उन्होंने एक स्कूटी की फोटो कम मूल्य पर बिक्री के लिए अपलोड की। स्कूटी के कम दाम देखते हुए वादिनी ने स्कूटी खरीदने को उनसे बात की। उन्होंने राजुल नागर को बताया कि वे सेना में हैं और हमारे सैन्य अधिकारी का तबादला हो गया है। जिस कारण वह स्कूटी बेच रहे हैं। महिला झांसे में आ गई, तो महिला ने तीन बार में कुल 19,200 रूपये बताए गए एकाउन्ट में डाल दिये। यह भी पता चला कि ये दोनों काफी लम्बे समय से फेसबुक, ओएलएक्स एवं अन्य सोशल साईटों पर फर्जी अकाउन्ट या आईडी बनाकर तथा लोगों को फोन काॅल करके अपने झांसे में लेते हैं और धोखाधड़ी के कई मामलों को अंजाम दे चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई जगह की पुलिस को उनकी तलाश है। मामले का खुलासा होने के बाद अल्मोड़ा पुलिस टीम ने उन्हें 4 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एक चालू सिम, 10 नई सीलबन्द सिम, ओपो कंपनी का मोबाइल तथा 19,200 रूपये बरामद किए हैं। शुक्रवार को एसएसपी पंकज भट्ट ने अपने कार्यालय में मामले का खुलासा करते हुए कहा कि अब पूछताछ के आधार पर छानबीन की जा रही है।
पुलिस टीम को किया पुरस्कृत: साइबर क्राइम के नये मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी पंकज भट्ट ने पुलिस की गिरफ्तारी टीम के उत्साहवर्धन के लिए 1000 रूपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में उप निरीक्षक रजत सिंह कसाना, कांस्टेबिल सन्दीप सिंह व नारायण सिंह शामिल रहे।
एसएसपी ने किया सावधान: एसएसपी अल्मोड़ा पंकज भट्ट ने जनपदवासियों से अपील की है कि वर्तमान में साइबर अपराधी अलग—अलग सोशियल साइट्स के जरिये अपना संक्रमण फैला रहे हैं। ऐसे में जरा भी असावधानी किसी को भी धोखाधड़ी का शिकार बना सकती है और मेहनत की कमाई क्षणभर में साइबर अपराधियों के भेंट चढ़ सकती है। उन्होंने कहा है कि आनलाइन सामान खरीदने से पहले पूरी जानकारी ले लें। कोई समस्या या शक होने पर तत्काल नजदीकी थाने या साईबर सैल से सम्पर्क करें।