बड़ी ख़बर : हेल्थ मिशन की हड़ताल से चरमराया वैक्सीनेशन, सैंपलिंग और होम आइसोलेशन का कार्य, डॉटा एंट्री का कार्य भी प्रभावित

— अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट — समान कार्य समान वेतन सहित विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड में प्रदेश के करीब 4500 राष्ट्रीय हेल्थ मिशन…

— अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट —

समान कार्य समान वेतन सहित विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड में प्रदेश के करीब 4500 राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से टीकाकरण कार्य प्रभावित होने लगा है। कर्मचारियों ने स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा, समान वेतन समान काम, लॉयल्टी बोनस समेत 9 मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है।

एनएचएम कर्मियों का कहना है कि कोविड काल में सभी सैंपल कलेक्शन से लेकर टेस्टिंग और वैक्सीनेशन तक का काम संविदा स्वास्थ्य कर्मी कर रहे हैं। उन्हें कोरोना वॉरियर्स भी घोषित किया गया है, लेकिन इससे उनको कोई लाभ नही है। वह आज मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं और इसी कारण हड़ताल पर हैं।

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ज्ञात रहे कि प्रदेश में 4,500 से अधिक हेल्थ मिशन कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमे एएनएम, डॉक्टर्स, नर्सेज सभी शामिल हैं। ये कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर एक जून से हड़ताल पर हैं। इन्होंने ऑनलाइऩ और ऑफलाइऩ सभी तरह के कार्यों का बहिष्कार किया है। कर्मियों ने हड़ताल 6 जून तक जारी रखने की बात कही है।

संगठन के प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि शासन और सरकार आज की तारीख तक उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं ले पाए हैं। जब तक फैसला नही हो जाता, तब तक कर्मचारी होम आइसोलेशन पर रहेंगे।

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इधर प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार को हड़ताल से झटका लगा है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से टीकाकरण प्रभावित हो रहा है। यदि हड़ताल जारी रही तो टीकारण का अभियान थम भी सकता है।

संगठन का कहना है पूर्व सीएम ने एनएचएम कर्मियों को करोना वॉरियर्स घोषित करते हुए कहा था कि सभी 11000 रुपए दिए जाएंगे, लेकिन जब आदेश लिखित में आया तो पता चला कि जो कोविड अस्पताल में काम कर रहे उनके लिए ऐलान था। फील्ड में काम करने वालों के लिए कुछ नही है, जो एक बड़ा छलावा है।

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संगठन की मांग लॉयल्टी बोनस की भी है। एनएचएम के नियमानुसार जिन्हें 3 साल लगातार काम करते हुए हो गए हैं उन्हें 10 फीसदी, 5 साल वाले को 15 फीसदी बोनस मिलना था। 2018 में भारत सरकार ने इसके लिए पैसा भी भेज दिया था, लेकिन 2018, 2019, 2020 में नही दिया गया।

गरमपानी और बेतालघाट के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सतीश पंत ने कहा कि हड़ताल के चलते पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। वैक्सीनेशन व होम आइसोलेशन के कार्य भी प्रभावित हुए हैं। सैंपलिंग की दो—दो टीमें बनानी पड़ रही हैं। हड़ताल में डॉ. दीपक सती, बृजमोहन पाठक, विजय पाल सिंह, बृज मोहन पाठक, गीता पांडे, जितेंद्र जोशी, योगिता जोशी, विनोद जोशी, कविता बाल्मिकी व पूजा पाठक शामिल हैं।

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