कोरोना से किसी की मौत की सूचना एक समाचार भर नही है। जब किसी परिवार में कोई हंसता—खेलता पूरी तरह स्वस्थ सदस्य अचानक काल का ग्रास बन जाता है तो परिजनों पर क्या बीत रही होती है इसकी कवरेज तो शायद ही कोई मीडिया कर रही है।
यहां हम हर उस ख़बर को साझा करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि कोरोना महामारी के बाद घटित हुई है। ताजा मामला यह है कि इंदौर में कोविड-19 से पति की मौत के सदमे में 34 साल की प्रोफेसर ने फांसी लगाकर जान दे दी। राजेंद्र नगर पुलिस थाने के सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) कुंदनमल रैगर ने बताया कि बिजलपुर क्षेत्र में रहने वाले पवन पंवार (35) की इंदौर के एक निजी अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दौरान बुधवार सुबह मौत हो गई।
वह 19 अप्रैल से अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने बताया, ‘पंवार की पत्नी नेहा (34) को जब पति की मौत की जानकारी मिली, तो वह सदमे में अस्पताल से सीधे घर आईं और अपने गले पर दुपट्टा बांधकर पंखे से लटकते हुए फांसी लगा ली।’ एएसआई ने बताया कि नेहा, शहर के एक निजी कॉलेज में प्रोफेसर थीं, जबकि महामारी के शिकार उनके पति का वन विभाग के डिप्टी रेंजर पद पर चयन हो चुका था। जब सब कुछ ठीक—ठाक कहें या बहुत बढ़िया चल रहा था तब अचानक पति की मौत हो जाती है। इन परिस्थितियों में एक पत्नी जान दे देती है, तो सम्भवत: इसे भी कोरोना से हुई मौत के साथ जोड़ना चाहिए।
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