बरेली : पूर्वोत्तर रेलवे का ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ जागरुकता कार्यक्रम, दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां

बरेली। पूर्वोत्तर रेलवे मण्डल चिकित्सालय इज्जतनगर द्वारा ’’विश्व स्तनपान सप्ताह’’ का आयोजन 1 से 8 अगस्त 2021 तक किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य केंद्र,…

बरेली। पूर्वोत्तर रेलवे मण्डल चिकित्सालय इज्जतनगर द्वारा ’’विश्व स्तनपान सप्ताह’’ का आयोजन 1 से 8 अगस्त 2021 तक किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य केंद्र, बरेली सिटी में स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत जागरुकता कार्यक्रम के साथ-साथ प्रर्दशनी का भी आयोजन किया तथा स्तनपान से संबंधित प्रचार सामग्री जैसे पेम्पलेट, बुकलेट आदि का वितरण भी किया गया।

जागरूकता कार्यक्रम में आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, इज्जतनगर डा. एस.एस. चौहान ने स्तनपान के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि मां का दूध सेफ, हाईजेनिक, हर समय उपलव्ध शिशु के लिए एक सम्पूर्ण आहार है इसके लिए कोई पैसा भी खर्च नहीं करना है स्तनपान शिशु के स्वस्थ्य जीवन के लिए एक वरदान है।

स्तनपान पर विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि नवजात शिशु के जन्म के एक घंटे के अन्दर एवं पांच माह तक स्तनपान कराना अत्यन्त आवश्यक है इस दौरान सामन्यत कोई और मिल्क पाउडर या सप्लीमेंट देने की भी आवश्यकता नहीं होती। प्रसव के बाद पहले तीन दिन तक मां का दूध जिसे ’’कोलोस्ट्रम’’ कहते है, को पिलाने के लिए डा. चौहान विशेष बल दिया। कई समाजों में ये गाड़ा दूध नहीं देने की गलत धारणा है कि ये नुकसान देय है जबकि इसके उलट ये गाड़ा दूध “कोलोस्ट्रम” अत्यंत लाभकारी है।

उन्होंने आगे बताया कि स्तनपान कराने से शिशु का सही विकास होता है, प्रतिरोधक क्षमता पैदा होती है और शिशु में रोग होने की सम्भावना कम होती है तथा नवजात कुपोषण के शिकार होने से बच जाते है। ’स्तन पान कराने की विधि’ को समझाते हुए डा. चौहान ने स्तनपान से संबंधित भ्रान्तियों को दूर किया तथा माताओं को सलाह दी कि वे नवजात को बोतल फीडिंग कभी न कराये क्यों कि इससे इंफेक्शन फैलने की सम्भावना अधिक होती है।

स्तनपान से मां को होने वाले फायदे के बारे में उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट कैन्सर एवं ओवरी कैन्सर से मां का बचाव होता है। बच्चों में स्तनपान के दौरान वजन का बढ़ना एवं दिन में 6-7 बार पेशाब आना एवं शिशु का सक्रीय रहना एवं खेलना आदि दर्शाता है कि बच्चे को पर्याप्त मां का दूध मिल रहा है।

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